महिलाओं के लिये खुशखबरी... अब महिला उत्पीड़न का मुकाबला वेबसाइट के जरिए होगा। सड़कों पर होने वाली छेड़छाड़ को खत्म करने को समर्पित एक वेबसाइट http://www.ihollaback.org/ पर महिलायें इस आनलाइन मंच पर अपने अनुभव साझा कर सकेंगी। साथ ही फोटो भी अपलोड कर सकती हैं। ’’सड़कों पर होने वाली छेड़छाड एक ऐसा अपराध है जिसे शायद ही कभी गंभीरता से लिया जाता है। चाहे आप दुनिया के किसी भी हिस्से में क्यों न रहते हों’’ यह एक वैश्विक महामारी है। भारत में इस वेबसाइट http://mumbai.ihollaback.org/ की शुरूआत मुंबई से जनवरी में हुई है। ’’सड़कों पर होने वाली छेड़छाड़ भारत में एक गंभीर समस्या है। यहां यह आमतौर पर ’ईव टीजिंग’ के नाम से जाना जाता है। ’टीजिंग’ शब्द उस ओछे कृत्य को कुछ हल्का कर देता है। जिसके दंश की पीड़ा इसे झेलने वाली औरत ही जानती है। उसके लिये इस टीजिंग का अर्थ अलग-थलग करने वाला, पीड़ादायक व कुंठित करने वाला कृत्य है।’’ सड़कों पर सिटियों, उपहास और भद्दे संकेतों से आजिज आकर कुछ सहासिक महिलाओं ने इस महामारी से मुकाबला करने का बीड़ा उठाया है तकनीक के सहारे। अब महिलायें नई तकनीक के माध्यम से न केवल महिला उत्पीड़न का मुकाबला कर रही हैं। किन्तु समस्त प्रकार की जानकारियां और अनुभवों को वीडियो व तस्वीरों के जरिए साझा कर रही हैं।
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